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Falling freely through seas of emptiness. Tossing, turning, drifting, lifeless. At the speed of light. Lost all count of time. Seeping thro...

Wednesday 6 June 2012

इंसानियत

बनती - बिगडती रहेंगी ये दुनिया

मिलते - बिछड़ते  रहेंगे यहाँ लोग 

आता - जाता रहेगा ये पैसा 

बनते - टूटते रहेंगे यहाँ रिश्ते 



कुछ नहीं रेहना हैं यहाँ हमेशा के लिए 

मिट जाना हैं सब कुछ एक दिन 



पर ना मिटेंगा वो प्यार जो तुमने बाट़ा था.. 

ना ही मिटेंगे वो अच्छाई  के निशान

जो तुम दूसरों  के दिलों में छोड़ गए थे!




याद नहीं तुमको?

तुम आये थे यहाँ खाली हाथ

तुम्हे देने वाला तो वो था 

आज ज़रिया बनाया हैं उसने तुम्हे दूसरों के लिए 




तो जितना तुम दोंगे 

उतना ही तुमको वो और देंगा 

कुछ ऐसा ही दस्तूर उसकी मख्फिरत का हैं 

ना धन ना दौलत, बस अपने कर्मो के हिसाबों को

तुम्हे वापस लेके जाना हैं 




तो पल भर की इस ज़िन्दगी में

जितनी अच्छाई  कर सको, वो कर लो !

तिंका भर की ख़ुशी  भी तुम

दूसरों में बाँट सको तो , बाँट दो!




खो ना जाना तुम इस दुनिया के रंग बिरंगी मेले में 

माया हैं ये सब, 

मिट जानी हैं ये दुनिया, बस उसके एक ही इशारें में..





जब  इंसान  बनाया हैं उसने तुम्हे 

तो इंसानियत को तुम अपनीं पहचान बनाओ  

आये हो यहाँ, तो कुछ अच्छा कर के जाओ

जाना ही हैं कल, तो उसकी खूबसूरत कायनात को

तुम  कुछ  और हसीं बना के जाओ





और बनती - बिगडती तो रहेगी ये दुनिया 

और थमता - गुज़रता तो रहेगा ये वक़्त 




पर इक अटूट हिस्सा बनके रह जायेगी

उसकी कायनात का,

तुम्हारी इंसानियत!


4 comments:

  1. the most beautiful and important part of human existence is humanity and yet it is so rare..isn't it? human ha become so inhuman..

    nice composition.keep up the good work! :)

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  2. How true.. Lovely piece once again :)

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