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Drifting

Falling freely through seas of emptiness. Tossing, turning, drifting, lifeless. At the speed of light. Lost all count of time. Seeping thro...

Thursday 4 October 2012

सूनी - सूनी सी हैं - ||



दुनिया, तो लागे हैं सपना
जिसमे, तू ही हैं अपना

बहती हैं हवा, सोचु जीवन ये क्या?
समझ पाऊ ना कुछ भी तेरे बिना

सिर्फ तेरी बातें है, लुभाती दिल मेरा
मुस्कुराती है जब तू तो मुस्कुराती दुनिया

हर मौसम में बारिश है जबसे मिली हैं तू
फिर भी हूँ सूखा सा मैं, बस तेरे लिए तरसू,,

छा-के काले बादल सी, तू मुझ पे बरस जा ज़रा,
बन के बारिश की बूँदें, तू इस प्यासे की प्यास बुझा!!


सूनी - सूनी सी हैं
भीगी - भीगी सी हैं
ये सारी - सारी  रातें

जुडी - मुड़ी सी हैं
सिलगी - बुझी सी हैं
तेरे - मेरे दिलों की तारें


आओ,
मिल - जाओ

लग जाओ गले


आओ,
खो - जाओ

हो जाए हम एक ..

4 comments:

  1. It has a feel of a song. Beautiful!

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  2. Ahh the feeling of falling in love. Agree with Saru, I can actually humm this to a tune!

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