कल मिली थी जो तुम
इस दिल ने दिमाग पर ताला लगा कर चाबी हाथों में ले लीं थी.
ज़ोर ज़ोर से घुमा रहा था अपनी उँगलियों पर इसे
जैसे कोई भावरा गुलाब पर भिन-भीनाता हो .
पर आज ये चाबी मिल नहीं रही.
Please Check करो , कल कही ये चाबी तुम्हारी ख़ुश्बूं में तोह नहीं फसी रह गयी.
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