1.
समझे ना वो उलफतों को मेरी
बस मुह मोड़ कर रूठ गए,,
बस मुह मोड़ कर रूठ गए,,
जो कुछ किया था हमने ऊनके लिए
बस एक पल में ही भूल गए!
2.
सब कुछ हैं, पर सब अधमरा सा हैं
भरा हुआ घर भी खाली खाली सा हैं,,
जब से गए हो तुम,
बिरयानी का स्वाद भी फीकी दाल जैसा हैं।
बिरयानी का स्वाद भी फीकी दाल जैसा हैं।
3.
ज़हन नसीब मेरे जनाब
जो आप इस कब्रिस्तान पर आए,
महक उठे मुर्दे यहा के,
जैसे गुलिस्तान में फूल खिल आए!
Third is brilliant. I love the way you first one too :)
ReplyDeletethanx soo much saru.. u think they r tat gud? :)
DeleteI do not understand, but the letters are beautiful!:-)
ReplyDeleteThanks :), Hindi is a lovely language..
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