वक़्त और हालात के गुलाम बन के रह गए कुछ लोग
हार मानकर बेबसी से, बन गए वो और भी कमज़ोर ..
भूल गए के इस जहां में जो आज हैं, वो कल नहीं
हर सुबह एक नयी ज़िन्दगी हैं, यहाँ हमेशा रात नहीं..
अगर हौसला हो दिल में समन्दरों की लहरों सा, जो हर दम लढती जाती हैं
और अगर भरोसा हो खुद पर फौलाद सा, फिर खुदा भी तोह उसी का साथी हैं.
तोह फिर क्यों कोई छुपे अपनी कमजोरी के पीछे?
और क्यों फिर कोई वक़्त और हालात का मोहताज बने?
कल फिर आयेगा सुनेहरा वक़्त,
कल फिर होंगे ये हालात खुशियों से भरे..
बस हो जज़्बा ज़िन्दगी जीने का आंखरी सांस तक,
और हो यकीन उस खुदा पर बेइन्तहा और बेझिझक..
हार मानकर बेबसी से, बन गए वो और भी कमज़ोर ..
भूल गए के इस जहां में जो आज हैं, वो कल नहीं
हर सुबह एक नयी ज़िन्दगी हैं, यहाँ हमेशा रात नहीं..
अगर हौसला हो दिल में समन्दरों की लहरों सा, जो हर दम लढती जाती हैं
और अगर भरोसा हो खुद पर फौलाद सा, फिर खुदा भी तोह उसी का साथी हैं.
तोह फिर क्यों कोई छुपे अपनी कमजोरी के पीछे?
और क्यों फिर कोई वक़्त और हालात का मोहताज बने?
कल फिर आयेगा सुनेहरा वक़्त,
कल फिर होंगे ये हालात खुशियों से भरे..
बस हो जज़्बा ज़िन्दगी जीने का आंखरी सांस तक,
और हो यकीन उस खुदा पर बेइन्तहा और बेझिझक..